शुक्रवार 21 फरवरी को विदेशी संस्थागत निवेशक (FII/FPI) 3,450 करोड़ रुपये के शेयरों को बेच कर शुद्ध विक्रेता बने, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) लगभग 2,885 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी करके शुद्ध खरीदार बने। प्रोविजनल डेटा के अनुसार ये जानकारी मिली है। 21 फरवरी के कारोबारी सत्र के दौरान, DIIs ने शुद्ध रूप से 12,889 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 10,004 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। एफआईआई ने 10,144 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 13,593 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इस साल अब तक, एफआईआई 1,24,262 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की है। जबकि डीआईआई ने 1,29,290 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।
बाजार का प्रदर्शन
निफ्टी और सेंसेक्स ने कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुए। दोनों कल 0.65 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स जहां 75,247.39 अंक पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी 22,763.20 अंक पर नजर आया। सेक्टोरल इंडेक्सेस में, केवल निफ्टी मेटल हरे निशान में कारोबार कर रहा था जबकि निफ्टी ऑटो का प्रदर्शन सबसे खराब रहा।
बाजार के प्रदर्शन पर Geojit Financial Services के वी के विजयकुमार ने कहा “ट्रंप के टैरिफ चेतावनियों के संदर्भ में बाजार ऑटो और फार्मास्यूटिकल्स जैसे संभावित टैरिफ टारगेट्स पर निगेटिव रिस्पॉन्स दे रहा है और डोमेस्टिक कंजम्प्शन में अवसरों की तलाश कर रहा है। ये टैरिफ चेतावनियों से प्रभावित नहीं होंगे। यह एक शॉर्ट टर्म रुझान होने की संभावना है क्योंकि ट्रंप की रणनीति टैरिफ की धमकी देना और फिर अमेरिकी निर्यात पर टैरिफ कटौती के लिए बातचीत करना है। इसे लागू होने में समय लगेगा।”
डिफेंस और कंजम्प्शन सेक्टर में बन रहे हैं खरीदारी के मौके
उन्होंने आगे कहा कि भारत में FII की बिकवाली जारी रहने की संभावना है। विशेष रूप से वे चीनी शेयरों में नए सिरे से दिलचस्पी ले रहे हैं। इस समय चीनी शेयर सस्ते हैं और एक स्मार्ट रिकवरी दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, “एफआईआई की बिकवाली से लार्जकैप पर दबाव बना रहेगा। यह लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एक अवसर है। डिफेंस सेक्टर जैसे चुनिंदा मिडकैप शेयरों में खरीदारी देखी जा सकती है, क्योंकि डिफेंस सेक्टर में करेक्शन आया और अब इस सेक्टर के शेयर अच्छे दाम पर मिल रहे हैं। इसके अलावा इस सेक्टर में FII की बिकवाली का खतरा नहीं है।”
(डिस्क्लेमरः Moneycontrol.com पर दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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