When FBI Director Kash Patel Slammed Foreign Media Over Ram Mandir Coverage Backs PM Modi

FBI Director Kash Patel: काश पटेल ने शनिवार को भगवद गीता पर हाथ रखकर संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के नौवें निदेशक के रूप में शपथ ली. पटेल एफबीआई का नेतृत्व करने वाले पहले हिंदू-भारतीय और एशियाई मूल के व्यक्ति बन गए हैं. इन सब के बीच उनके राम मंदिर को लेकर दिए गये बयानों की भी चर्चा हो रही है, जिसमें उन्होंने पश्चिमी मीडिया की जमकर आलोचना की थी.

उस दौरान कई मीडिया आउटलेट्स ने 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर के उद्घाटन को बढ़ते हिंदू राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में पेश किया. हालांकि, काश पटेल ने इसकी कड़ी आलोचना की और बाबरी मस्जिद विध्वंस विवाद और हिंदू विरासत को नजरअंदाज करने के लिए रिपोर्टों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि मीडिया 500 साल पुराने इतिहास को कवर नहीं कर रहा जबकि बाबरी मस्जिद विध्वंस की बाते कर रहा है.

‘मीडिया ने 500 साल पुराने इतिहास के बजाय 50 साल पुराना इतिहास दिखाया’

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, काश पटेल ने कहा, ” राम मंदिर का उद्घाटन के लिए जब पीएम मोदी वहां गए थे तो वाशिंगटन के सभी अखबारों ने केवल पिछले 50 सालों के इतिहास को कवर किया. वे 500 साल पहले के इतिहास को भूल गए. चाहे आप हिंदू हों या मुस्लिम, 1500 में हिंदू देवताओं में से एक के लिए वहां एक हिंदू मंदिर था, जिसे गिरा दिया गया था और वे इसे 500 सालों से वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं.”

उन्होंने अमेरिकी मीडिया की कवरेज को गलत सूचना अभियान करार दिया. उन्होंने आगे कहा, “लेकिन वाशिंगटन की सत्ता ने इतिहास के उस हिस्से को भुला दिया है और मेरे ख्याल से एक गलत सूचना अभियान चलाया है जो भारत और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के पद के लिए हानिकारक है. वे इसका इस्तेमाल इसलिए कर रहे हैं क्योंकि मुझे लगता है कि वे ट्रंप और मोदी को एक जैसे व्यक्तित्व के रूप में देखते हैं और वाशिंगटन में सत्ता प्रतिष्ठान ऐसा नहीं चाहता है.”

एफबीआई डायरेक्टर बनने के बाद क्या बोले काश पटेल?

शपथ ग्रहण के बाद सभा को संबोधित करते हुए पटेल ने कहा कि अमेरिकी सपना जीवित है क्योंकि ‘पहली पीढ़ी का भारतीय बच्चा’ एफबीआई का कार्यभार संभालने जा रहा है. अपनी बहन निशा पटेल, गर्लफ्रेंड एलेक्सिस विल्किंस और अन्य रिश्तेदारों के सामने खड़े होकर पटेल ने कहा, ‘मैं अमेरिकी सपना जी रहा हूं.’

गुजरात में हिंदू माता-पिता के घर जन्मे पटेल का परिवार जातीय दमन से बचने के लिए युगांडा से भागकर कनाडा होता हुआ संयुक्त राज्य अमेरिका आ गया था. पहली पीढ़ी के अप्रवासी से लेकर अमेरिका की प्रमुख जांच एजेंसी के प्रमुख तक का पटेल का सफर अमेरिकी और भारतीय-अमेरिकी इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है.

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