USAID पर आया विदेश मंत्रालय का पहला रिएक्शन, कहा-“भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप चिंताजनक”

रणधीर जायसवाल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता।

Image Source : MEA
रणधीर जायसवाल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता।

नई दिल्लीः भारत में चुनावों के दौरान सत्ता बदलने के लिए दी गई अमेरिकी सहायता पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खुलासे ने भूचाल मचा रखा है। भारत के विदेश मंत्रालय ने USAID पर अपना पहला रिएक्शन दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि हमने इस तरह की खबरें देखा और सुना है कि अमेरिका की पूर्व सरकार ने भारत में चुनाव को प्रभावित करने के लिए फंडिंग की। भारत ने शुक्रवार को कहा कि देश में कुछ गतिविधियों के लिए ‘यूएसएड’ द्वारा वित्त पोषण किए जाने के बारे में खुलासे ‘‘बेहद परेशान करने वाले’’ हैं और इससे देश के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंता पैदा हुई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि संबंधित विभाग और अधिकारी कुछ अमेरिकी गतिविधियों और वित्तपोषण के संबंध में अमेरिकी प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी की जांच कर रहे हैं। जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने अमेरिकी प्रशासन द्वारा कुछ अमेरिकी गतिविधियों और वित्तपोषण के संबंध में दी गई जानकारी देखी है। ये स्पष्ट रूप से बहुत परेशान करने वाली हैं।

मस्क के खुलासे के बाद ट्रंप ने दिया था बयान

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) द्वारा भारत में मतदान को प्रेरित करने के लिए 2.1 करोड़ यूएस डॉलर दिए जाने का खुलासा किए जाने के कुछ दिनों बाद कहा था कि हम भारत को यह पैसा क्यों दे रहे हैं। ट्रंप ने सवाल किया कि यूएसएआईडी ने भारत में मतदान प्रतिशत को बढ़ावा देने के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया था। हमें इसकी क्या जरूरत थी, क्या पूर्व सरकार भारत में किसी और को चुनाव जिताने के लिए यह सब कर रही थी। ट्रंप ने कहा कि हमें मौजूदा भारत सरकार को यह सब बताना होगा। 

खुलासे की जांच बगैर कुछ कहना जल्दबाजी

मियामी में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) द्वारा दिए गए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर के वित्त पोषण पर सवाल उठाया और आश्चर्य जताया कि क्या यह किसी और को निर्वाचित कराने का प्रयास था। जायसवाल ने कहा, ‘‘इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की चिंताएं पैदा हुई हैं। संबंधित विभाग और एजेंसियां ​​इस मामले की जांच कर रही हैं। इस समय कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। संबंधित अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं और उम्मीद है कि हम बाद में इस पर कोई अद्यतन जानकारी दे पाएंगे।’

Latest World News

Read More at www.indiatv.in