Israel-Hamas Ceasefire : इजरायली मूल की ब्रिटिश नागरिक एमिली दामरी 471 दिनों की कैद के बाद हमास के आतंकियों के चंगुल से रिहा हुई है. हमास के आतंकियों ने हमले के दौरान एमिली की 2 उंगलियों में गोली मार दी थी. हमास आतंकियों के चंगुल से रिहा होने के बाद जब एमिली वापस लौटीं तो उन्होंने अपने 3 उंगलियों वाले पंजे को दिखाकर हमास के आतंकियों को ललकारा था. एमिली की तीन उंगलियां दिखाती हुई फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है.
उल्लेखनीय है कि 28 साल की एमिली के साथ दो अन्य इजरायली महिला बंधकों रोमी गोनेन और डोरोन को सीजफायर समझौते के तहत हमास के आतंकियों ने रिहा किया है. इन सभी बंधकों को जब रिहा किया जा रहा था तब हमास के आतंकियों ने हवा में राइफल लहराकर अपनी जीत का दावा किया था. हमास का छुटने के बाद तीनों महिला बंधक अब अपने परिवारवालों के साथ हैं. बता दें कि 7 अक्टूबर, 2023 को हुए हमास के हमले में एमिली को अपनी दो उंगलियां गंवानी पड़ी थी. इसके बाद हमास के आतंकी उसे अगवा कर अपने साथ ले गए थे.
मां से मिलकर भावुक हुईं एमिली
एमिली की मां मैंडी ब्रिटेन में एक टीचर हैं. पिछले 471 दिनों से अपनी बेटी एमिली की सुरक्षित वापसी की उम्मीद लगाए बैठी मैंडी इजरायल में अस्पताल पहुंची, जहां एमिली से उनकी मुलाकात हुई. इस दौरान एमिली मां से मिलकर काफी भावुक हो गईं. मैंडी ने एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर एमिली की घर वापसी की जानकारी दी. हाथ की दो उंगलियां खो देने के बाद भी एमिली के उत्साह में कोई कमी नहीं आई. उन्होंने बैंडेज लगे अपने हाथ को उठाकर अपने उत्साह को दिखाया.
Perdió dos dedos por los terroristas, estuvo en cautiverio 471 días, pero no perdió la esperanza.
Emily Damari, abrazada por la bandera de Israel, rodeada por sus familiares.
Heroína 🇮🇱 pic.twitter.com/L81Coz8jPG
— Avia Levi (@Israel_Avia) January 19, 2025
250 मीटर तक घसीटा, 20 मीटर गहरे सुरंग में किया बंद
इजरायली मीडिया के मुताबिक, हमास के हमले में बाद एमिली को काफी चोटें आईं थी. इसके बाद हमास के आतंकियों ने एमिली के कुत्ते को गोली मारकर उन्हें 250 मीटर तक घसीटा भी था. इससे पहले एक अन्य कैदी ने बताया कि हमास के आतंकियों ने एमिली को 20 मीटर गहरे सुरंग में बंद किया था, जहां उन्हें प्रताड़ित किया जाता था. बताया कि एमिली को सुरंग में अकेला रखा गया था. उन्हें खाना भी नहीं दिया जाता था और न हीं किसी से बात करने दिया जाता था.
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