60 घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी, पुलिस ने कैसे दिया काम को अंजाम? जानें हर छोटी-बड़ी डिटेल

Saif Ali Khan Attack: फिल्म अभिनेता सैफ अली खान के घर में घुसकर और चाकू से कई बार हमला करने का मामला जितना हैरतअंगेज है, उतना ही आरोपी को पकड़ने के लिए मुंबई पुलिस हैरान हुई.

भले ही सीसीटीवी फुटेज में आरोपी का चेहरा पहले दिन ही नजर आ गया था लेकिन वहां तक उसे तक पहुंचने में मुंबई पुलिस को 60 घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया. जबकि आरोपी मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में ही था.

ठाणे के लेबर कैंप से सैफ अली खान मामले के जिस आरोपी को पकड़ा गया है उसका नाम मोहम्मद शरीफुल अहमद शहजाद है और उम्र है करीब 30 साल. करीब 60 घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने कैसे पकड़ा और कैसे पुलिस की टीम ने इस काम को अंजाम दिया?

कैसे पकड़ा गया यह सैफ अली खान का हमलावर?

सैफ अली खान के घर का सिटी सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद और आरोपी का चेहरा कमरे में जो कैद हुआ उसी की तलाश में जब मुंबई की पुलिस जुटी तो मुंबई लोकल पुलिस ने इस मामले में 20 टीम बनाईं वहीं क्राइम ब्रांच ने करीब 15 टीम का गठन किया था. इलाके भर के करीब 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरा की तस्वीरों को स्कैन किया गया.

इस मामले में सिर्फ घटना वाले दिन ही नहीं, पूरे एक महीने के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया. बांद्रा से लेकर अंधेरी तक लगे सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे की जांच की गई और करीब 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई.

कैसे पुलिस कर रही थी काम
मुंबई पुलिस की करीब 35 अलग-अलग टीमों को अलग-अलग काम पर लगाया गया था.  पुलिस को इस बात का पता चला था कि सैफ अली खान के घर पर वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर पहले बांद्रा स्टेशन पहुंचा था. वहां से दादर स्टेशन पहुंचा. वहां से हमलावर ने एक ईयर फोन खरीदा था इस फोन ईयर फोन विक्रेता से भी पुलिस ने पूछताछ की. आगे पता चला कि दादर से वह वर्ली पहुंचा और वहां एक रेस्टोरेंट में उसने नाश्ता भी किया था जहां पहले वो काम भी कर चुका था.

गूगल पे बना अहम सुराग
वर्ली के जिस रेस्टोरेंट रपर उसने नाश्ता किया और गूगल पे से उसने पेमेंट किया यह सुराग मुंबई पुलिस के लिए अहम सुराग बना. क्योंकि इस हमलावर का कोई भी फोन नंबर पुलिस के पास नहीं था लेकिन जिस नंबर से उसने पेमेंट किया उसके जरिए पुलिस को इस मोबाइल नंबर का पता चला और फिर पुलिस ने इस ट्रैक करना शुरू कर दिया. पुलिस को सुराग लगा कि वर्ली में नाश्ते का पेमेंट गूगल पे से करने के बाद वह वर्ली से फिर से दादर स्टेशन पहुंचा और वहां से उसने ठाणे की ट्रेन पकड़ी.

जिस मोबाइल नंबर से जीपे के जरिए पेमेंट किया गया था पुलिस लगातार उस नंबर पर पुलिस ट्रेस कर रही थी और अंत में उसे लोकेशन मिला ठाणे का. मुंबई पुलिस की टीम ने ठाणे पुलिस की टीम को अलर्ट किया. मुंबई पुलिस भी तुरंत ठाणे पहुंची और जिस जगह पर यह हमलावर था वहां पर पुलिस ने दबिश डाली. पुलिस की भनक लगते ही यह शख्स वहां की झाड़ियों में छुपने की कोशिश भी की थी लेकिन ठाणे और मुंबई पुलिस के ऑपरेशन में वह पकड़ा गया.

मुंबई पुलिस की दूसरी टीम का काम
मुंबई पुलिस की दूसरी टीम जो सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही थी,  उनको 9 जनवरी का एक सीसीटीवी फुटेज मिला जिसमें यह हमलावर एक बाइक से जाते हुए देखा गया. इस हमलावर को अंधेरी से DN नगर की तरफ एक बाइक सवार ने ड्रॉप किया था. इस सीसीटीवी फुटेज के जरिए इस बाइक का नंबर मिला. इस बाइक नंबर के जरिए पुलिस पाण्डेय नामक इसके मालिक तक पहुंची और उसको हिरासत में लिया गया और पूछताछ शुरू की गई.

जांच में पता चला कि पांडे नामक शख्स जिसने इसको अंधेरी से नगर तक बाइक से छोड़ा था उसने ही इसको थाने के एक रेस्टोरेंट में काम भी दिलाया था और यह उसको जानता था. इस तरह से करीब 60 घंटे तक पुलिस की 35 टीमों का ऑपरेशन कामयाब हुआ और फिर इस हमलावर को गिरफ्तार किया गया.

फिलहाल पांडे नामक शख्स का इस शहजाद नामक आरोपी से क्या कनेक्शन है, कैसे यह इसके संपर्क में आया, कैसे इसने ठाणे के होटल में काम दिलाया, पुलिस पांडे से भी बांद्रा पुलिस स्टेशन में पूछताछ चल रही है. जहां पर इस शहजाद नामक आरोपी को फिलहाल 5 दिन की पुलिस हिरासत में रखा गया है.

हमलावर और होटल
अभी तक जो जानकारी हमलावर के बारे में जानकारी सामने आई है उसमें पता चला है कि पांडे नामक शख्स की मदद से इसने ठाणे के एक रेस्टोरेंट में काम किया था और इसके पहले उसने वर्ली में स्किल वर्क नामक कैफे में काम किया था. सैफ अली खान पर हमले के बाद आरोपी बांद्रा से दादर और फिर वर्ली के उसी स्किलवर्क कैफे लोकेशन पर आया था. पुलिस ने इस कैफे से कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. उनके मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं.

लेबर कैंप कनेक्शन
पुलिस के बयान और जानकारी के मुताबिक यह हमलावर बांग्लादेश से मुंबई आया था और यहां पर उसने बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन में भी काम किया था. तमाम मजदूर से इसके कनेक्शन थे. यह बांग्लादेश से भारत कैसे पहुंचा और किस तरह से अवैध तरीके से यहां पर रह रहा था पुलिस अभी इसकी जांच कर रही है. ठाणे के लेबर कैंप में यह क्यों पहुंचा और वहां पर क्यों रुका था क्या वहां पर भी इसके कुछ साथी रहते हैं पुलिस इसकी भी आगे जांच कर रही है.

क्योंकि यह बांग्लादेश का नागरिक है और यहां पर अवैध तरीके से रह रहा था तो अब पुलिस इस मामले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जांच कर रही है और इसके पीछे क्या और भी कोई कनेक्शन है पुलिस इस एंगल से भी सैफ अली खान हमला मामले की जांच में  जुट गई है.

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