मौलाना अरशद मदनी
कडपा: आंध्र प्रदेश के कडपा में मौलाना अरशद मदनी ने अयोध्या को लेकर विवादित बयान दिया है। इस दौरान उन्होंने सरकार को भी घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि ये लोग चाहते थे कि अयोध्या धर्म की राजधानी बने लेकिन आज अयोध्या कोई नहीं आता जाता।
मदनी ने और क्या कहा?
मदनी ने कहा, ‘केंद्र सरकार दो बैशाखियों पर है। एक नीतीश और दूसरी चन्द्रबाबू नायडू। आज 5 लाख से ज्यादा लोग यहां जमा हैं जो चन्द्रबाबू नायडू को बताने के लिए काफी है कि आंध्र का मुसलमान क्या चाहता है। अयोध्या में कोर्ट ने कहा था कि मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई। फिर कोर्ट ने आस्था की बुनियाद पर फैसला दे दिया लेकिन कोर्ट के हिसाब से हम जीत गए। ये लोग चाहते थे कि अयोध्या धर्म की राजधानी बने लेकिन आज अयोध्या कोई नहीं आता जाता।
वक्फ संशोधन बिल पर भी बोले
मदनी ने कहा, ‘वक्फ संसोधन बिल को लेकर सरकार झूठ बोल रही है। पंजाब की मस्जिदों में लोग रहते हैं, क्यूंकि लोग छोड़कर चले गए थे। पुराना कानून कहता है कि मस्जिदें खाली करनी पड़ेगी लेकिन नया कानून इससे इंकार करता है। वक़्फ़ की दफा 108 कहती है कि कोई पाकिस्तान गया है और संपत्ति वक्फ की है तो उसकी संपत्ति वक्फ की रहेगी। लेकिन नया कानून इसे भी खत्म कर देगा।
मदनी ने कहा, ‘सारी मस्जिदों और कब्रिस्तान पर सरकार कब्जा कर लेगी। हम राज्य सरकार (आंध्र सरकार) से कहना चाहते हैं कि देश के सारे मुसलमान इस बिल के खिलाफ हैं। इसलिए बीजेपी के मुसलमानों की जायदाद को आग लगाने वाले इस बिल की मुखालफत की जाए। मुसलमानों के घरों पर बुलडोज़ऱ चलाने की बात हो या फिर असम में मुसलमानो की शहरियत छीनने की, जमीयत इन सब बातों की मुखालफत करती है।’
मदनी ने कहा, ‘आज जो लोग सत्ता पर बैठे हैं, उन्हें धर्म के बारे में कुछ नहीं पता। आज कहते हैं कि संविधान में वक्फ का जिक्र नहीं, कल कहेंगे कि हज, नमाज और मस्जिद का भी नहीं है। हम कह देना चाहते हैं कि जब तक सांसें हैं, इसी देश में रहेंगे। अपने मजहब पर रहेंगे। हमारा मजहब मरने वाला नहीं है। जिन्होंने हमारे मजहब को मिटाने के लिए तीर चलाए, वो मिट गए। इस्लाम आज भी जिंदा है। सरकार यूनिफार्म सिविल कोड को लाकर हमारे मज़हब को खत्म करना चाहती है। लेकिन वो नाकाम होंगे और इस्लाम जिंदा रहेगा।’
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