Shiekh Hasina first reaction on Bangladesh ISKCON Chinmoy Krishna Das Prabhu arrest

Bangladesh Violence: भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में स्थिति दिन- प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. वहां लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है, जिसकी वजह से अल्पसंख्यकों के बीच भय का माहौल कायम हो चुका है. इस बीच इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की अवैध गिरफ्तारी ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. इसको लेकर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मौजूदा सरकार पर हमला किया है. उन्होंने चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की रिहाई की मांग की है और आरोप लगाया कि, जो कुछ भी उनके देश में हो रहा है उसके लिए मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार जिम्मेदार है.

आवामी लीग की अध्यक्ष ने कहा, सनातन धर्म के एक शीर्ष नेता को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए.चटगांव में एक मंदिर को जला दिया गया. इससे पहले अहमदिया समुदाय के मस्जिदों, दरगाहों, चर्चों, मठों और घरों पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई, लूटपाट की गई और आग लगा दी गई.सभी समुदायों के लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता और जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.

कार्यवाहक सरकार पर निशाना
पूर्व पीएम ने बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, वर्तमान सत्ताधारी दल सभी क्षेत्रों में नाकाम दिख रही है. वो रोजमर्रा की जरूरतों की कीमतों को नियंत्रित करने, लोगों के जीवन की सुरक्षा करने में असफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि आम लोगों पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हो रहे इन अत्याचारों की कड़ी निंदा करती हूं.

शेख हसीना ने कहा, ‘चटगांव में एक वकील की हत्या कर दी गई. इस अपराध में शामिल लोगों को जल्द से जल्द पकड़ा जाना चाहिए और उन्हें सजा दी जानी चाहिए.इस घटना से मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ है. एक वकील अपने पेशेवर कर्तव्यों का पालन करने गया था और उसे पीट-पीटकर मार डालने वाले ‘आतंकवादी’ हैं उन्हें सजा मिलनी चाहिए.’

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी
चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया. यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई जब मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर बांग्लादेश के हिंदू समुदाय पर अत्याचार करने के कई आरोप लगे हैं. मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया. उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया.

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