बाजार की आगे की चाल पर बात करते हुए आईटीआई म्यूचुअल फंड (ITI MF) के सीनियर फंड मैनेजर आलोक रंजन (Alok Ranjan) ने बाजार पर बात करते हुए कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। लगातार FIIs की बिकवाली हो रही है। जिसके चलते बाजार के वैल्युएशन पर भी असर पड़ रहा है। मार्केट के नीचे आने के कई अहम ट्रिगर्स है। ऐसे में मीडियम-टू-लॉन्ग टर्म के लिए ग्रोथ स्ट्रैटेजी बनाएं। ये बाजार में निवेश करने का सही समय है। अभी बाजार में और करेक्शन की उम्मीद कम है। 1-2 साल निवेश करने के लिए बहुत बेहतर नजर आ रहा है।
किन सेक्टर्स में मौके? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि BFSI सेक्टर के वैल्युएशन सस्ते नजर आ रहे है। BFSI सेक्टर का ग्रोथ आउटलुक बेहतर है। NPA का आउटलुक बहुत खराब नहीं हुआ। वहीं IT सेक्टर में भी अच्छी संभावनाएं नजर आ रही है। ट्रम्प के आने के बाद US में एक्पेंडिचर बढ़ेगा । US मार्केट की ग्रोथ को लेकर भी पॉजिटिव है। कई चुनिंदा सेक्टर में निवेश के बढ़िया मौके है। कुछ सेक्टर्स में काफी उतार-चढ़ाव दिख रहा है। फंड को एक्टिवली मैनेज्ड करना होगा। बैंकिंग फाइनेंशियल, FMCG सेक्टर पर फोकस है। ऑयल एंड गैस और ऑटो एंसिलरी सेक्टर में एक्सपोजर रखा है। उन्होंने आगे कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में संभावनाएं है।
किन सेक्टर्स में वैल्युएशन महंगे? इस सवाल का जवाब देते हुए आलोक रंजन ने कहा कि कैपिटल गुड्स सेक्टर के वैल्युएशन महंगे हुए है। FMCG में आगे वैल्युएशन कम होने की उम्मीद है। डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर महंगे है। करेक्शन होने के बाद भी कई सेक्टर्स महंगे हुए ।
ग्लोबल या डोमेस्टिक स्तर के रिस्क? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ग्लोबल मार्केट से कंट्राडिक्टरी सिग्नल है। US में ट्रम्प के आने के बाद लोगों में भरोसा आया है। बॉन्ड मार्केट का 10 साल का ट्रेजरी यील्ड बहुत ज्यादा था जिसके चलते बॉन्ड मार्केट को करेक्ट करना जरूरी हो गया था। ट्रम्प के आने के बाद फिस्कल डेफिसिट बढ़ना संभव है। US की तुलना में भारतीय बाजार 10% अंडरपरफॉर्म रहे है। US बाजार में करेक्शन हुआ तो भारत पर असर होगा। कई रिस्क के लिए भारतीय बाजार को तैयार रहना होगा। अभी बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति रहने की उम्मीद है। बाजार में अभी पैसा बनाना मुश्किल है।
लार्जकैप फंड की स्ट्रैटेजी? पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कम जोखिम के साथ निवेश सुरक्षित रहा। स्मॉल-मिड कैप के मुकाबले लॉर्ज कैप ज्यादा स्टेबल है। लॉर्ज कैप का मार्केट में ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहता है। पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा सेक्टर रोटेशन नहीं करते हैं। अभी BFSI सेक्टर में थोड़ा एक्सपोजर बढ़ाया है। सस्ते वैल्युएशन वाले सेक्टर पर नजर है।
ऑटोमोबाइल कंपनियों की परफॉर्मेंस में सुधार
ऑटोमोबाइल सेक्टर पर राय देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 1 साल में सबसे ज्यादा आउटपरफॉर्म किया है। ऑटोमोबाइल कंपनियों की परफॉर्मेंस में सुधार दिखा है। कई कंपनियों की ग्रोथ काफी अच्छी रही । ऑटोमोबाइल सेक्टर में वैल्युएशन थोड़े हाई पर है।
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