health tips what is angioplasty when and by whom its recommended

Angioplasty : गुजरात के अहमदाबाद में फेक एंजियोप्लास्टी के रैकेट का खुलासा हुआ है. एक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एंजियोप्लास्टी के बाद दो मरीजों की मौत के जिम्मेदार आरोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. अदालत ने उन्हें 7 दिन की रिमांड पर भेज दिया है. पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश में जुटी है. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर ये एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) होती क्या है, इसकी जरूरत कब पड़ती है और इसके लिए किससे सलाह लेनी चाहिए.

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एंजियोप्लास्टी क्या होती है और कब कराई जाती है

एंजियोप्लास्टी तब होती है जब आर्टरीज में बैड कोलेस्ट्रॉल या ब्लड के थक्के जमा हो जाते हैं और ब्लॉकेज बनने लगती हैं. इन ब्लॉकेज की वजह से आर्टरीज से हार्ट को ब्लड सप्लाई कम होने लगती है, जिससे हार्ट अटैक (Heart Attack) आने का जोखिम बढ़ जाता है. यही कारण है कि वजन उठाने या सीढ़ियां चढ़ने पर अगर सीने में दर्द जैसी समस्याएं होती हैं तो लोग पहले ही एंजियोप्लास्टी करवा लेते हैं. एक आंकड़े के अनुसार, देश में हर साल करीब 4.5 लाख हार्ट पेशेंट्स एंजियोप्लास्टी करवाते हैं. 

एंजियोप्लास्टी कराने की कब आती है नौबत

1. जब खून की नलिकाओं में 70% से ज्यादा ब्लॉकेज हो जाए.

2. चलने-फिरने में ही सांस फूलने लगे.

3. सीने में तेज दर्द महसूस होने पर

4. सीढ़िया चढ़ने और वजन उठाने में अगर सीना दर्द करे

एंजियोप्लास्टी में क्या होता है, इसके लिए किसकी सलाह लें

एंजियोप्लास्टी की जरूरत है या नहीं इसकी सलाह हमेशा एक्सपर्ट कॉर्डियोलॉजिस्ट से लेनी चाहिए. उनकी ही निगरानी में ये प्रक्रिया करवानी चाहिए. इस प्रक्रिया में नस और आर्टरी के ब्लॉकेज को खोला जाता है. हार्ट अटैक या स्ट्रोक के बाद मरीज की जान बचाने के लिए एंजियोप्लास्टी ही की जाती है.

इसमें एक इंजेक्शन देने के बाद छोटी ट्यूब हाथ या पैर की किसी ब्लड वेसेल्स से डाली जाती है. ट्यूब के रास्ते एक कैथेटर और तार डालकर ब्लॉकेज के रास्ते क्रॉस कराया जाता है. एक बैलून से इस ब्लॉकेज को खोलकर एक रास्ता तैयार करने के बाद वहां स्टेंट डाल दिया जाता है. जिससे उस जगह दोबारा जल्दी से ब्लॉकेज न हो पाए.

स्टेंट को वहीं छोड़कर कैथेटर और तार को डॉक्टर बाहर निकाल लेते हैं. एंजियोप्लास्टी को 95% तक सफल माना गया है.

एंजियोप्लास्टी के बाद सावधानियां 

1. अगर पैर से एंजियोप्लास्टी की गई है तो उस जगह की साफ-सफाई रखें.

2. ज्यादा चलने-फिरने या दौड़ने से उस जगह सूजन या ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से संपर्क करें.

3.  अगर स्किन के अंदर होने वाली ब्लीडिंग से आसपास नीले या लाल दाग हो जाए तो ठीक होने में दो हफ्ते लग सकता है, जिससे बर्फ से सिंकाई कर सकते हैं.

4. एंजियोप्लास्टी अगर हाथ से हुई है तो उसे ज्यादा देर नीचे लटकाना नहीं चाहिए. 

5. हाथ या कोहनी में ज्यादा दर्द होने पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

 

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