Ayodhya Ram janambhoomi lord ram taken jalsamadhi in guptarghat

Ayodhya: राम नगरी अयोध्या का नाम सुनते ही हर किसी के मन-मस्तिष्क में राम की छवि निखर आती है. भगवान राम की स्मृतियों को समेटे अयोध्या में ऐसी कई जगह है, जो आपको भगवान राम के मौजूद होने का एहसास दिला देगी. लेकिन अयोध्या में गुप्तार घाट की अलग ही पहचान है. क्या गुप्तार घाट की कहानी आइए जानते हैं?

अयोध्या में गुप्तार घाट (Guptar Ghat in Ayodhya)
गुप्तार घाट सरयू नदी के किनारे पर है. जहां छोटे-छोटे मंदिर आपका मन मोह लेंगे. भारतवर्ष से दर्शनार्थी इस स्थान पर मुक्ति पाने के उद्देश्य से आते हैं. 19वीं सदी के दौर में राजा दर्शन सिंह द्वारा इस घाट का निर्माण कराया गया था. जिसका समय-समय पर पुनर्निर्माण कराया गया. इस घाट पर राम जानकी मंदिर, पुराने चरण पादुका मंदिर, नरसिंह मंदिर और हनुमान मंदिर बने हुए हैं. इस घाट को लेकर कहा जाता है कि ये वही घाट है, जहां से श्री राम जी ने जल समाधि ली थी. 

गुप्तगार घाट के पास ही मिलिट्री मंदिर, कंपनी गार्डन, राजकीय पार्क और प्राचीन समय के मंदिर है. शाम के वक्त यहां का नजारा देखने लायक होता है. दूर-दूर तक नौका विहार करते लोग, रेतीले मैदान के इर्द-गिर्द घूमती हरियाली मन खुश कर देती है. गुप्तार  घाट से ही कुछ ही दूरी पर नवाब शुजा-उद-दौला द्वारा निर्मित ऐतिहासिक किला भी है. 

भगवान राम ने जहां जलसमाधि ली थी वो गुप्त स्थान कहां हैं ?

माना जाता है कि श्रीराम के संग कीट-पतंगे भी उनके दिव्य धाम चले गए थे, जिस वजह से अयोध्या उजड़ गई थी. जिसके बाद श्री राम जी के पुत्र कुश ने फिर से अयोध्या नगरी को बसाया था. अयोध्या में गुप्तार घाट के अलावा आप लक्ष्मण घाट, ऋणमोचन घाट, शिवाला घाट, जटाई घाट, अहिल्याबाई घाट, धौरहरा घाट और जानकी घाट भी काफी प्रसिद्ध है. 

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