Durga Visarjan 2024 Shubh muhurat puja vidhi mantra during mata ki vidai

विजयदशमी पर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कर माता को विदाई दी जाती है. जब श्रवण नक्षत्र और दशमी तिथि दोनों एक साथ अपराह्न के समय होते हैं, तो दुर्गा विसर्जन के लिए अपराह्न काल को प्रातःकाल से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. इस साल ये शुभ संयोग बन रहा है.

विजयदशमी पर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कर माता को विदाई दी जाती है. जब श्रवण नक्षत्र और दशमी तिथि दोनों एक साथ अपराह्न के समय होते हैं, तो दुर्गा विसर्जन के लिए अपराह्न काल को प्रातःकाल से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. इस साल ये शुभ संयोग बन रहा है.

आज 12 अक्टूबर 2024 को दुर्गा विसर्जन के लिए दोपहर 01.17 से दोपहर 03.35 तक शुभ मुहूर्त है.

आज 12 अक्टूबर 2024 को दुर्गा विसर्जन के लिए दोपहर 01.17 से दोपहर 03.35 तक शुभ मुहूर्त है.

आज माता की विदाई के लिए चौघड़िया मुहूर्त देखें तो दोपहर 1.34 से दोपहर शाम 04.28 तक लाभ और अमृत का शुभ मुहूर्त है. इस दौरान भी दुर्गा विसर्जन किया जा सकता है.

आज माता की विदाई के लिए चौघड़िया मुहूर्त देखें तो दोपहर 1.34 से दोपहर शाम 04.28 तक लाभ और अमृत का शुभ मुहूर्त है. इस दौरान भी दुर्गा विसर्जन किया जा सकता है.

मां दुर्गा को विदा करने से पंडाल में ही पहले देवी की विधि विधान से पूजा करें. ज्वारों पर भी फूल, गंध, अक्षत, रोली अर्पित करें. जब माता प्रतिमा को विसर्जन करने जाएं तो साथ में इन जवारों के भी साथ लेकर जाएं.

मां दुर्गा को विदा करने से पंडाल में ही पहले देवी की विधि विधान से पूजा करें. ज्वारों पर भी फूल, गंध, अक्षत, रोली अर्पित करें. जब माता प्रतिमा को विसर्जन करने जाएं तो साथ में इन जवारों के भी साथ लेकर जाएं.

देवी प्रतिमा और जवारों का विसर्जन करने से पहले हाथ में चावल व फूल लेकर ये मंत्र बोलें - गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि। पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।।

देवी प्रतिमा और जवारों का विसर्जन करने से पहले हाथ में चावल व फूल लेकर ये मंत्र बोलें – गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि। पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।।

मां दुर्गा से क्षमा याचना करें प्रणाम करें और घर की सुख-शांति के लिए माता से प्रार्थना करें.

मां दुर्गा से क्षमा याचना करें प्रणाम करें और घर की सुख-शांति के लिए माता से प्रार्थना करें.

मां दुर्गा के साथ ज्वारे, घटस्थापना का नारियल, जल भी नदी या तालाब में प्रवाहित कर दें. विसर्जन से पहले थोड़े से ज्वारे अपने पास रख लें. इन्हें तिजोरी में रखने से धन में बरकत होती है.

मां दुर्गा के साथ ज्वारे, घटस्थापना का नारियल, जल भी नदी या तालाब में प्रवाहित कर दें. विसर्जन से पहले थोड़े से ज्वारे अपने पास रख लें. इन्हें तिजोरी में रखने से धन में बरकत होती है.

दुर्गा विसर्जन के समय माता की पूर्ति को जल में झटके से फेंके नहीं, ऐसा करने पर देवी नाराज होती है. प्रतिमा को धीरे-धीरे जल में प्रवाहित करें. ऐसा

दुर्गा विसर्जन के समय माता की पूर्ति को जल में झटके से फेंके नहीं, ऐसा करने पर देवी नाराज होती है. प्रतिमा को धीरे-धीरे जल में प्रवाहित करें. ऐसा

Published at : 12 Oct 2024 02:16 PM (IST)

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