झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर आदिवासी नेता चंपाई सोरेन ने बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्य विधानसभा के सदस्य और झारखंड के मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया है। चंपाई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन को संबोधित अपने त्याग-पत्र में लिखा मैं जेएमएम की मौजूदा नीतियों और कार्यशैली से क्षुब्ध होकर पार्टी छोड़ने को विवश हूं। झारखंड के आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और आम लोगों के मुद्दों को लेकर संघर्ष जारी रहेगा।
झामुमो की मौजूदा नीतियों से व्यथित हूं
चंपाई सोरेन ने कहा- आज मैंने जेएमएम की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। कद्दावर आदिवासी नेता ने JMM सुप्रीमो शिबू सोरेन को लिखे त्यागपत्र में पार्टी की स्थिति पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा उन आदर्शों से भटक गया है जिनके लिए उन्होंने और अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं ने आपके मार्गदर्शन में संघर्ष किया था। झामुमो मेरे लिए एक परिवार जैसा रहा एवं मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे इसे छोड़ना पड़ेगा।
भटक चुकी है जेएमएम
चंपाई ने एक्स पर साझा किए अपने पत्र में लिखा- आज बेहद दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आप के मार्गदर्शन में जिस पार्टी का सपना हम जैसे कार्यकर्ताओं ने देखा था, आज वह पार्टी अपनी दिशा से भटक चुकी है। हमने कार्यकर्ताओं के साथ जिस पार्टी के लिए जंगलों, पहाड़ों और गांवों की खाक छानी थी, वह अब भटक चुकी है।
आप बीमार हैं, फिर कहां व्यथा सुनाएं?
चंपाई सोरेन ने यह भी कहा है कि बीते दिनों के घटनाक्रम से मुझे काफी पीड़ा के साथ यह कठिन निर्णय लेना पड़ा रहा है। स्वास्थ्य खराब होने के कारण आप सक्रिय राजनीति से दूर हैं। मौजूदा वक्त में आपके अलावा पार्टी में ऐसा कोई फोरम नहीं है, जहां हम अपनी मन की पीड़ा को बता सकें। इससे मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।
शिबू सोरेन को माना मार्गदर्शक
चंपाई सोरेन ने अंत में लिखा- आपके (शिबू सोरेन) मार्गदर्शन में झारखण्ड आंदोलन के दौरान और उसके बाद भी मुझे जीवन में बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। आप हमेशा मेरे मार्गदर्शक बने रहेंगे। आपसे विनम्र निवेदन है कि मेरा इस्तीफा स्वीकार करने की कृपा करें।
भाजपा ज्वाइन करने को तैयार
इस कदम के साथ ही चंपाई सोरेन अब भाजपा का दामन थामने को तैयार हैं। हाल ही में चंपाई सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस बैठक में असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा भी मौजूद थे। असम के सीएम ने एक्स पर अपने पोस्ट में बड़ा दावा करते हुए कहा था कि चंपाई सोरेन 30 अगस्त को रांची में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इसके बाद चंपाई सोरेन ने कहा था कि उन्होंने झारखंड के हित में भाजपा ज्वाइन करने का फैसला किया है।
आदिवासी पहचान बचाने का दिया हवाला
चंपाई सोरेन ने मंगलवार को कहा था कि वह आदिवासी पहचान को बचाने के लिए भाजपा में शामिल हो रहे हैं। राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में आदिवासी पहचान बांग्लादेश से बड़े पैमाने पर हो रही घुसपैठ के कारण दांव पर है। इस मुद्दे पर केवल भाजपा ही गंभीर नजर आती है। अन्य दल वोट बैंक की राजनीति में लिप्त हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या उन पर नजर रखी जा रही है। पूर्व सीएम ने कहा कि मुझे संघर्षों की आदत है। मैं किसी भी स्थिति से डरा नहीं हूं।
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