बांग्लादेश में सोमवार को सुबह जब हालात बिगड़ गए, तब सेना प्रमुख वकार-उज-जमां ने शेख हसीना को फोन किया.
आर्मी चीफ ने 76 साल की नेता को कॉल पर जानकारी दी थी कि मुल्क में स्थिति फिलहाल बहुत नाजुक है.
बाद में वकार-उज-जमां जब प्रधानमंत्री आवास पहुंचे, तब शेख हसीना ने उन्हें इस्तीफा सौंप दिया.
वकार-उज-जमां शेख हसीना की चचेरी बहन के दामाद हैं. उन्होंने ही उन्हें इस्तीफा देने के लिए मनाया.
शेख हसीना पद से इस्तीफे के बाद देश के नाम संबोधन देना चाहती थीं मगर आर्मी चीफ ने उन्हें ऐसा करने से रोका.
आर्मी चीफ ने सलाह दी कि अगर शेख हसीना राष्ट्र को संबोधित करेंगी तब युवा और प्रदर्शनकारी भड़क जाएंगे.
शेख हसीना ने इसके बाद दोपहर डेढ़ बजे दो सूटकेसों में सामान (कपड़े और अन्य जरूरी सामान आदि) भरा और सरकारी आवास छोड़ दिया.
ऐसा बताया गया कि दोपहर एक बजकर 45 मिनट पर वह वायुसेना के चॉपर में बैठीं और उन्होंने ढाका छोड़ दिया.
Published at : 06 Aug 2024 09:59 AM (IST)
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